Captain Anshuman Singh : शादी के दो महीने बाद सियाचिन पोस्टिंग
Captain Anshuman Singh कैप्टन अंशुमन सिंह भारतीय सेना में एक अधिकारी थे भारतीय सेना उनको बहादुरी और हिम्मत के लिए जानी जाती थी।
आपको बता दे की कैप्टन अंशुमन सिंह ( Captain Anshuman Singh ) उत्तर प्रदेश देवरिया जिले के सलेमपुर के रहने वाले थे और उनका घर लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत में स्थित था और अपने परिवार के साथ उत्तरप्रदेश के लखनऊ में रहते थे और अंशुमान सिंह का जन्म 1997 में हुआ था।
जब कारगिल का युद्ध हुआ था तब Captain Anshuman Singh 18 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में कार्यरत थे और अपनी सेना का मोर्चा संभाला था जो आज भी उनकी बहादुरी के किस्से भारतीय सेना के सैनिक याद करते है।
भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष ने उन्हें पहली बार द्रास सेक्टर को कब्ज़ा करने का आदेश मिला था जिस पर पाकिस्तानी सेना का हुकूमत था और 28 जून 1999 को Captain Anshuman Singh ने अपनी पूरी सेना के साथ द्रास सेक्टर पर हमला कर दिया और पाकिस्तानी दुश्मनो को ख़त्म कर दिया और उस उस द्रास सेक्टर पर भारतीय सेना ने कब्ज़ा कर लिया।
उस समय के भारतीय सैनिक कहते है की हमे Captain Anshuman Singh ने ही हिम्मत दी और आज उनके कारण ही भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर पर हमला करके उस शिखर पर कब्ज़ा कर भारत का मान सम्मान बढ़ा दिया था।
Captain Anshuman Singh सियाचिन ग्लेसियर में चिकित्सा अधिकारी पर मौजूद थे और अपना कार्य कर रहे थे।
Captain Anshuman Singh Wife Name
अभी हाल ही में Captain Anshuman Singh की शादी हुई थी और उनकी पत्नी का नाम स्मृति है और उनके सास का नाम मंजू सिंह है , यह शादी बहुत ही यादगार थी और इस शादी में भारतीय सेना में कार्यरत उनके मित्र और बचपन के मित्र सभी लोग इस शादी में शामिल हुए थे और खूब सारा बधाई दिए।
Captain Anshuman Singh Kriti Chakra
Captain Anshuman Singh की कहानी किसी फिल्म के हीरो जैसी है तो अपनी जान पर खेलकर दुसरो की जान बचाता हो ठीक वैसे ही पिछली साल Captain Anshuman Singh ने एक भीषण आग लगने से कई लोग शहीद हो गए थे और कई लोगो को तो Captain Anshuman Singh ने अपनी जान जोखिम में डालकर कई भारतीय सेना के सैनिको की जान बचायी थी परन्तु किसी कारण वश Captain Anshuman Singh इस आग में शहीद हो गए।
भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू में अपने राष्ट्रपति भवन में Captain Anshuman Singh की पत्नी स्मृति को कृति चक्र से सम्मानित किया और सांत्वना दिया इस दौरान स्मृति के आँखों में गर्व के आसु थे और स्मृति को अपनी वीर जवान Captain Anshuman Singh पर गर्व है।
स्मृति ने इस दौरान अपने शादी की कहानी बताई और कहा की हम दोनों पहली बार कॉलेज में ही मिले थे और उस समय हमलोग कॉलेज के फर्स्ट ईयर में थे तब हम दोनों की मुलाकात हुई थी और स्मृति ने कहा की इस दौरान हम दोनों को पहली नजर में ही प्यार हो गया था।
लेकिन एक महीने के बाद अंशुमान ने आर्म्ड फोर्स्ड मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले लिया , उसके बाद 8 महीने के बाद फिर से हमारी मुलाकात हुई और फिर हमने शादी करने का फैसला किया और अंत में हम दोनों ने अपने परिवार के सहमति से शादी कर ली।
लेकिन दो महिले बाद ही अंशुमान की सियाचिन में पोस्टिंग हो गई और वो अपनी ड्यूटी पर चले गए , और फिर हमे जब यह खबर आयी की अंशुमान इस दुनिया में नहीं रहे हमे तो विश्वास ही नहीं हुआ परन्तु अब जब हमे भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से कृति चक्र मिला तब मुझे यकीन हुआ की ये सच है।
स्मृति ने कृति चक्र लेकर स्टेज पर कहा की मेरे लिए अंशुमान कल भी हीरो थे और आज भी हीरो है जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर कई लोगो की जान बचाई और अंत में देश सेवा करते-करते शहीद हो गए हमे अपने पति पर गर्व है।