नया कानून : 1 जुलाई से बदल जायेंगे अंग्रेजो के बनाये गए कानून

नया कानून : 1 जुलाई से बदल जायेंगे अंग्रेजो के बनाये गए कानून

नया कानून देश में अंग्रेजो के ज़माने से बने कानून को एक जुलाई से पूरी तरह बदल दिया जाएगा तो नए कानून में काफी कुछ परिवर्तन एक जुलाई से देखने को मिलेगा।

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इसी सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक विनीत जैन ने बुधवार को हिंदुस्तान समाचार से एक चर्चा में बताया की एक जुलाई से अब देश में तीनो अधिनियमों में बदलाव होने जा रहा है जिसको लेकर सभी पुलिस जवानो को प्ररिक्षण भी दे दिया गया है।

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Pic Credit – uppolice on Instagram Account

पुलिस अधीक्षक विनीत जैन का कहना है की 1861 से जो भारतीय दण्ड संहिता यानि की IPC की जो धारा थी अब उसके स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता BNS होगी।

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ठीक उसी प्रकार से 1973 से लागु क्रिमिनल प्रोसेस कोर्ट यानि की CRPC के स्थान पर अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानि BNSS होगी।

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नया कानून इसी प्रकार से 1872 से लागु इंडियन एविडेंट एक्ट के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम यानि की BSA होगी उनका कहना है की नए अधिनियम में दंड की जगह न्याय प्रक्रिया को प्रथम प्राथमिकता दी गई है।

अब नए IPC में 358 धराये होंगी पहले IPC में 511 धाराएं होती थी।

ठीक उसी प्रकार से CRPC में पहले 484 धाराएं होती थी परन्तु अब नए CRPC में ये धाराएं बढ़कर 531 हो गई है।

वही भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 167 की जगह अब 170 धाराएं हो गई है।

नए अधिनियम में समन तामिल ऑन लाइन कराये जाएँगी और पेशी भी अब ऑनलाइन हो सकेंगी , समय सीमा में निर्णय होंगे , तथा फरारी आरोपी के फरार रहने पर भी सुनवाई हो सकेगी।

वही अब नए धारा में हत्या , बलात्कार , धोखाधड़ी , जैसी धाराओं में परिवर्तन किया गया है।

आपको बता दे की अब हत्या में मामले में 302 के स्थान पर 103 लागु कर दी गई जाएगी।

वही बलात्कार में मामले में 376 के स्थान पर अब 64 लागु कर दी जाएगी।

ठीक उसी प्रकार से धोखाधड़ी के मामले में 420 के स्थान पर 318 धारा लागु कर दी जाएगी।

वही महिला सम्बन्धी अपराधों को प्रथम प्राथमिकता पर रखा गया है।

पुलिस अधीक्षक का कहना है की तीनो नए अधिनियम का वृहद् रूप है जिसका अध्ययन किया जा रहा है उन्होंने ये भी बताया की हर पुलिस थाने में नए अधिनियम की पुस्तके उपलब्ध कराई गई है।

नया कानून उत्तरप्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को नए कानून के बारे में बताया और उन्होंने कहा की अब इसमें जांचकर्ता हर कदम के लिए उत्तरदायी होंगे और नए कानून की मंशा तीन साल में न्याय दिलाने और लंबित मामलो में तुरंत निस्तारित करने पर जोर है।

वही ADG सुनील कुमार गुप्ता ने कहा छोटे- छोटे अपराधों को अब छह धाराओं में आरोपी को सिमित अवधी के लिए कुछ सामुदयिक कार्य करने के लिए दंड का प्रावधान किया गया है।

और उन्होंने ये मीडिया में यह भी कहा की अब कोई भी गरीब किसी भी थाने में जीरो FIR हो सकेगी और इसे बाद में सम्बंधित पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया जायेगा।

बच्चो की सुरक्षा

नया कानून इस बार नए कानून में बच्चो से किसी भी प्रकार का अपराध करवाना और किसी भी प्रकार से प्रताड़ना करना दंडनीय अपराध होगा।

यदि कोई नाबालिग बच्चो और बच्चिया को खरीद बिक्री का काम करता है तो उस व्यक्ति को दंडनीय अपराध होगा जिससे तहत उस पर क़ानूनी कारवाही और उसकी सम्पति कुर्क भी की जा सकती है।

यदि कोई नाबालिग से गैंग रेप करता है तो उसको आजीवन कारावास या मिर्त्युदण्ड दिया जायेगा।

और पीड़ित का अभिभावक की उपस्थिति में पीड़ित माता – पिता का बयां दर्ज किया जायेगा।

महिला अपराधों में ज्यादा सख्ती

नया कानून अब इस नए कानून में महिला से रेप की सजा को 20 साल तक और हो सके तो आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है।

नया कानून यौन समबंध के लिए किसी लड़की या महिला के दुष्कर्म करना या उसके साथ किसी भी प्रकार से सम्बन्ध बनाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा और उसको कानूनन सजा दी जाएगी।

और पीड़ित के घर पर महिला और अधिकारी की उपिस्थिति में बयान दर्ज किया जायेगा।

नए कानून में ये खास बात

नया कानून अब किसी भी अपराधी की तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियो ग्राफी होगा , और घटनास्थल की वीडियोग्राफी को डिजिटल लाकर में सुरक्षित रखा जायेगा।

अब इस नए कानून के दौरान अब 90 दिन में ही शिकायतकर्ता को जांच की रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।

अब यदि किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो उसके जानकारी सार्वजानिक करनी होगी जिससे उसके बारे में सबको पता चल सके।

नया कानून अब इलेट्रॉनिक माध्यम से तीन दिन बाद थाने में जाकर हस्तछार करेंगे और 60 दिन के भीतर आरोप तय होंगे और मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय हो जायेंगे।

पहली बार अपराध पर हिरासत अवधी काम , एक तिहाई सजा पूरी करने पर जमानत मिल जाएगी , छोटे -छोटे काम गंभीर मामलो के लिए समरी ट्रायल अनिवार्य होंगे।

अब डिजिटल तकनीक के जरिये यानि की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी होंगी।

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