तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद : जाने कैसे तिरुपति मंदिर में पूजा के बाद प्रसाद वितरण का जांच रिपोर्ट
तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को जब तिरुपति मंदिर में दर्शन करने के बाद तिरुपति मंदिर का प्रसाद ग्रहण किया तो चंद्रबाबू नायडू को प्रसाद में कुछ गड़बड़ लगा।
और तुरंत आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरो की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
आँध्रप्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में जब से प्रसाद वितरण में जानवरो का चर्बी और मछली के तेल मिले होने की खबर सामने आयी है तब से पुरे देश में साधु संतो में नाराजगी देखने को मिल रही है और साधु संतो का कहना है की इस मामले की जांच होनी चाहिए और इस मामले में दोषी पाए जाने वालो दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए घी का जिम्मेदारी किसका था
तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद लगभग 55 साल से कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन ( KMF ) ही तिरुपति मंदिर में घी को सप्लाई करने का काम करती है लेकिन जुलाई 2023 में इस कंपनी ने कम कीमत पर तिरुपति मंदिर में घी देने से मना कर दिया
साल 2023 में कर्नाटक में युवजना श्रमिका रीठू कांग्रेस पार्टी के जगन मोहन रेड्डी की सरकार थी और उस समय जगन मोहन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए 5 फर्म को घी सप्लाई करने का काम दे दिया।
और फिर से जगन मोहन रेड्डी द्वारा दिए गए पांच फर्म को घी सप्लाई करते समय घी में गड़बड़ी पाया गया और चंद्रबाबू नायडू ने 29 अगस्त को ( KMF ) को फिर से घी सप्लाई करने का काम सौप दिया।
तिरुपति मंदिर में प्रसाद वितरण की जिम्मेदारी किसकी थी
तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सबसे बड़े मंदिरो में एक माना जाता है और हर साल इस मंदिर के दर्शन के लिए प्रतिदिन लाखो की संख्या में श्रद्धालू आते है और इस मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद के रूप में घी का लड्डू दिया जाता है
इतने लोगो को प्रसाद देने के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर में एक कमेटी बनायीं गयी है और इस कमेटी में प्रसाद वितरण के लिए लोगो को रखा गया है और इन लोगो का काम तिरुपति बालाजी मंदिर में आने वाले लोगो को दर्शन के बाद प्रसाद में घी के लड्डू देने का काम करती है
तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद वितरण करने वाली कमेटी का नाम ” तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ” है इसी कमेटी से जुड़े हुए लोग ही प्रसाद वितरण का काम करते है और इसी टीम के लोग भी तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद वितरण में लगने वाले जरुरी सामग्री का इंतजाम करते है और प्रसाद वितरण की देखरेख भी करते है।
पुलिस ने किन धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया है
तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद जब से आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद वितरण में जानवरो की चर्बी और मछली के तेल होने की खबर दी है तब से इस मामले की जांच के लिए ” जांच विजिलेंस ” को सौप दी गयी है और इसके साथ ही साथ इस विजिलेंस टीम ने तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में इस्तेमाल किये जाने वाले घी की जांच और इस घी में इस्तेमाल होने वाले सामग्री की जांच के लिए कुल मिलकर चार टीम बनायीं है
इस मामले में अधिवक्ता विनीत जिंदल ने गृह मंत्रालय और आंध्रप्रदेश के ( DGP ) को इस मामले की जांच के लिए शिकायत पत्र लिखा . तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद
अधिवक्ता विनीत जिंदल ने इस मामले में मंत्रालय को लिखा की आँध्रप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी , तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पदाधिकारी और तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद वितरण करने वाले लोगो और तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए घी कहा से आता है इन सभी का जांच होना चाहिए
तिरुपति मंदिर प्रसाद वितरण विवाद अधिवक्ता विनीत जिंदल के इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए प्रशाशन ने भारतीय न्याय संहिता ( BNS ) के तहत धारा 152 , 192 , 196 , 198 ,और 353 के तहत FIR दर्ज कर दी गयी है और प्रशाशन की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम ( NSA )न भी लगाने की गुहार लगायी गयी है।